( 4 )
हम तो चलते हैं लो खुदा हाफ़िज़
हम तो चलते हैं लो खुदा हाफ़िज़
बुतकदा का बातों ख़ुदा हाफ़िज़
कर चुके तुम नसीहतें हम को
जाओ बस नसेहो खुदा हाफ़िज़
आज कुछ और तरह पर उनकी
सुनते हैं गुफ़्तगू खुदा हाफ़िज़
बर यही है हमेशा ज़ख़्म पे ज़ख़्म
दिल का चरागारों खुदा हाफ़िज़
आज है कुछ ज़्यादा बेताबी
दिल-ए-बेताब को खुदा हाफ़िज़
क्यों हिफ़ाज़त हम और की ढूँढें
हर नफस जब की है खुदा हाफ़िज़
चाहे रुख्सत हो राह-ए-इश्क में अक़्ल
ऐ "ज़फ़र" जाने दो खुदा हाफ़िज़
- बहादुर शाह ज़फ़र
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हम तो चलते हैं लो खुदा हाफ़िज़
हम तो चलते हैं लो खुदा हाफ़िज़
बुतकदा का बातों ख़ुदा हाफ़िज़
कर चुके तुम नसीहतें हम को
जाओ बस नसेहो खुदा हाफ़िज़
आज कुछ और तरह पर उनकी
सुनते हैं गुफ़्तगू खुदा हाफ़िज़
बर यही है हमेशा ज़ख़्म पे ज़ख़्म
दिल का चरागारों खुदा हाफ़िज़
आज है कुछ ज़्यादा बेताबी
दिल-ए-बेताब को खुदा हाफ़िज़
क्यों हिफ़ाज़त हम और की ढूँढें
हर नफस जब की है खुदा हाफ़िज़
चाहे रुख्सत हो राह-ए-इश्क में अक़्ल
ऐ "ज़फ़र" जाने दो खुदा हाफ़िज़
- बहादुर शाह ज़फ़र
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