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फ़िराक़ गोरखपुरी - शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़

( 4 )

शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़


शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो
बेख़ुदी बढ़ती चली है राज़ की बातें करो

ये सुकूत-ए-नाज़, ये दिल की रगों का टूटना
ख़ामुशी में कुछ शिकस्त-ए-साज़ की बातें करो

निकहत-ए-ज़ुल्फ़-ए-परीशां, दास्तान-ए-शाम-ए-ग़म
सुबह होने तक इसी अंदाज़ की बातें करो

कूछ क़फ़स की तीलियों से छन रहा है नूर सा
कुछ फ़िज़ा, कुछ हसरत-ए-परवाज़ की बातें करो

जिसकी फ़ुरक़त ने पलट दी इश्क़ की काया फ़िराक़
आज उसी ईसा नफ़स दमसाज़ की बातें करो


 - फ़िराक़ गोरखपुरी


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फ़िराक़ गोरखपुरी - यह नर्म नर्म हवा

( 3 )

यह नर्म नर्म हवा


यह नर्म नर्म हवा झिलमिला रहे हैं चिराग़
तेरे ख़्याल की खुश्बू से बस रहे हैं दिमाग़


दिलों को तेरे तबस्सुम की याद यूं आई
कि जगमगा उठें जिस तरह मंदिरों में चिराग


तमाम शोला-ए-गुल है तमाम मौज-ए-बहार
कि ता-हद-ए-निगाह-ए-शौक़ लहलहाते हैं बाग़


'नई ज़मीं, नया आस्मां, नई दुनिया'
सुना तो है कि मोहब्बत को इन दिनों है फ़राग


दिलों में दाग़-ए-मोहब्बत का अब यह आलम है
कि जैसे नींद में डूबे हों पिछली रात चिराग़


फिराक़ बज़्म-ए-चिरागां है महफ़िल-ए-रिन्दां
सजे हैं पिघली हुई आग से छलकते अयाग़


 - फ़िराक़ गोरखपुरी

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फ़िराक़ गोरखपुरी - किसी का यूं तो हुआ कौन

( 2 )


किसी का यूं तो हुआ


किसी का यूं तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
ये हुस्न-ओ-इश्क़ तो धोका है सब, मगर फिर भी


हजार बार ज़माना इधर से गुजरा
नई नई है मगर कुछ तेरी रहगुज़र फिर भी


खुशा इशारा-ए-पैहम, जेह-ए-सुकूत नज़र
दराज़ होके फ़साना है मुख्तसर फिर भी


झपक रही हैं ज़मान-ओ-मकाँ की भी आँखें
मगर है काफ्ला आमादा-ए-सफर फिर भी


पलट रहे हैं गरीबुल वतन, पलटना था
वोः कूचा रूकश-ए-जन्नत हो, घर है घर, फिर भी


तेरी निगाह से बचने में उम्र गुजरी है
उतर गया रग-ए- जां में ये नश्तर फिर भी


 - फिराक गोरखपुरी

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फिराक गोरखपुरी - सर में सौदा भी नहीं

( 1 )

सर में सौदा भी नहीं


सर में सौदा भी नहीं, दिल में तमन्ना भी नहीं
लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं


दिल की गिनती न यगानों में, न बेगानों में
लेकिन उस जलवा-गाह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं


मेहेरबानी को मोहब्बत नहीं कहते ए दोस्त
आह अब मुझसे तेरी रंजिश बेजा भी नहीं


आह ये मजमा-ए-अहबाब, ये बज्म-ए-खामोश
आज महफिल में फिराक सुखन-आरा भी नहीं


 - फिराक गोरखपुरी


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