Old bollywood movies; old bollwood songs

Watch old Bollywood movies, Listen old songs.... click here

बहादुर शाह ज़फ़र - बात करनी मुझे मुश्क़िल कभी ऐसी तो न थी

( 3 )
 
बात करनी मुझे मुश्क़िल कभी ऐसी तो न थी


बात करनी मुझे  मुश्क़िल कभी ऐसी तो न थी
जैसी अब है तेरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी

ले गया  छीन  के कौन आज तेरा सब्र-ओ-क़रार
बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी

चश्म-ए- क़ातिल मेरी  दुश्मन थी हमेशा लेकिन
जैसे अब हो गई क़ातिल  कभी ऐसी तो न थी

उन की आँखों ने ख़ुदा जानें किया क्या जादू
के तबीयत  मेरी माइल कभी ऐसी तो न थी

अक्स-ए-रुख़-ए-यार ने किस से है तुझे चमकाया
तब तुझ में माह-ए-क़ामील कभी ऐसी तो न थी

क्या सबब तू जो बिगड़ता है "ज़फ़र" से हर बार
खु तेरी हूर-ए- शमाइल कभी ऐसी तो न थी 


 - बहादुर शाह ज़फ़र

तबीयत ----------- Nature, Temperament
माइल ------------- Affected, Biased, Enamoured
माह-ए-क़ामील --- Full moon
सबब –------------ Reason
खु ---------------- Habit, Behaviour
हूर-ए- शमाइल --- Beauty with excellent virtues
हूर----------------- Virgin Of Paradise,
Beauty 
          
*******************************************************************

No comments:

Post a Comment