तन्त्रोक्तं
देवी
सूक्तम् : माता का महा मंत्र
प्रस्तुत मंत्र देवी मां का सबसे आसान और प्रभावी मंत्र माना जाता है. समस्त देव गण माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र से माँ दुर्गा की स्तुति प्रार्थना करते हैं । इस मंत्र से देवी दुर्गा का स्मरणकर प्रार्थना करने मात्र से देवी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की इच्छा पूर्ण करती हैं। इस लिये ईश्वर में श्रद्धा विश्वास रखने वाले सभी मनुष्यों को देवी की शरण में जाकर निम्न मंत्र से देवी दुर्गा का स्मरणकर निर्मल हृदय से प्रार्थना करनी चाहिये।
देवा
ऊचु:
नमो देव्यै महादेव्यै
शिवायै सततं नम:। नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्म ताम्॥1॥
अर्थात : देवता
बोले- देवी को नमस्कार है, महादेवी
शिवा को सर्वदा नमस्कार है। प्रकृति एवं भद्रा को प्रणाम है। हमलोग नियमपूर्वक
जगदम्बा को नमस्कार करते हैं। ॥1॥
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रौद्रायै नमो नित्यायै
गौर्यै धात्र्यै नमो
नम:। ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै सततं नम:॥2॥
अर्थात : रौद्रा
को नमस्कार है। नित्या, गौरी एवं
धात्री को बारम्बार नमस्कार है। ज्योत्स्नामयी, चन्द्ररूपिणी एवं सुखस्वरूपा देवी को सतत प्रणाम है। शरणागतों का कल्याण करने वाली
वृद्धि एवं
सिद्धिरूपा देवी को हम बारम्बार नमस्कार करते हैं। ॥2॥
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कल्याण्यै प्रणतां
वृद्ध्यै सिद्ध्यै कुर्मो नमो नम:। नैर्ऋत्यै भूभृतां लक्ष्म्यै शर्वाण्यै ते नमो
नम:॥3॥
अर्थात : नैर्ऋती
(राक्षसों की
लक्ष्मी), राजाओं
की लक्ष्मी तथा शर्वाणी (शिवपत्नी) स्वरूपा आप जगदम्बा को बार-बार
नमस्कार है। ॥3॥
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दुर्गायै दुर्गपारायै
सारायै सर्वकारिण्यै। ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रायै सततं नम:॥4॥
अर्थात : दुर्गा, दुर्गपारा (दुर्गम संकट
से पर उतारने
वाली), सारा
(सबकी सारभूता), सर्वकारिणी, ख्याति, कृष्णा और धूम्रादेवी
को सर्वदा नमस्कार है। ॥4॥
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अतिसौम्यातिरौद्रायै
नतास्तस्यै नमो नम:। नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै कृत्यै नमो नम:॥5॥
अर्थात : अत्यन्त
सौम्य तथा अत्यन्त रौद्ररूपा देवी को हम नमस्कार करते हैं, उन्हें हमारा बारम्बार प्रणाम है। जगत् की आधारभूता कृति देवी को
बारम्बार नमस्कार है। ॥5॥
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या देवी सर्वभूतेषु
विष्णुमायेति शब्दिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥6॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में
विष्णुमाया के नाम से कही जाती है, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार
नमस्कार है। ॥6॥
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या देवी सर्वभेतेषु
चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥7॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको
नमस्कार, उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥7॥
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या देवी सर्वभूतेषु
बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥8॥
जो देवी सब प्राणियों में बुद्धिरूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको बारम्बार नमस्कार है। ॥8॥
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या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण
संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥9॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में निद्रारूप से स्थित हैं, उनको
नमस्कार, उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥9॥
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या देवी सर्वभूतेषु
क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥10॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में
क्षुधारूप से स्थित हैं, उनको
नमस्कार, उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार
है। ॥10॥
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या देवी
सर्वभूतेषुच्छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥11॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में छायारूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको बारम्बार नमस्कार है। ॥11॥
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या देवी सर्वभूतेषु शक्ति
रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥12॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप से स्थित हैं,
उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको बारम्बार नमस्कार है। ॥12॥
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या देवी सर्वभूतेषु
तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥13॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में तृष्णारूप से स्थित हैं, उनको
नमस्कार, उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥13॥
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या देवी सर्वभूतेषु
क्षान्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥14॥
अर्थात : जो देवी
सब प्राणियों में क्षान्ति (क्षमा) रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार
है। ॥14॥
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या देवी सर्वभूतेषु
जातिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥15॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में जातिरूप से स्थित हैं,
उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको बारम्बार नमस्कार है। ॥15॥
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या देवी सर्वभूतेषु
लज्जारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥16॥
अर्थात : जो देवी
सब प्राणियों में लज्जारूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको बारम्बार नमस्कार है। ॥16॥
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या देवी सर्वभूतेषु
शान्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥17॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में शान्तिरूप में स्थित हैं,
उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको बारम्बार नमस्कार है। ॥17॥
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या देवी
सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥18॥
अर्थात : जो देवी
सब प्राणियों में श्रद्धारूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार,
उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥18॥
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या देवी सर्वभूतेषु
कान्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥19॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में कान्तिरूप से स्थित हैं, उनको
नमस्कार, उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥19॥
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या देवी सर्वभूतेषु
लक्ष्मीरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥20॥
अर्थात : जो देवी
सब प्राणियों में लक्ष्मीरूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार,
उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥20॥
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या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण
संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥21॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में वृत्तिरूप से स्थित हैं, उनको
नमस्कार, उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥21॥
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या देवी सर्वभूतेषु
स्मृतिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥22॥
अर्थात : जो देवी
सब प्राणियों में स्मृतिरूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार,
उनको
नमस्कार, उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥22॥
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या देवी सर्वभूतेषु
दयारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥23॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में दयारूप से स्थित हैं, उनको
नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार
है। ॥23॥
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या देवी सर्वभूतेषु
तुष्टिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥24॥
अर्थात : जो
देवी सब
प्राणियों में तुष्टिरूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको बारम्बार नमस्कार है। ॥24॥
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या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण
संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥25॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों में मातारूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको बारम्बार नमस्कार है। ॥25॥
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या देवी सर्वभूतेषु
भ्रान्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥26॥
अर्थात : जो
देवी सब प्राणियों
में भ्रान्तिरूप से स्थित हैं,
उनको नमस्कार,
उनको नमस्कार,
उनको
बारम्बार नमस्कार है। ॥26॥
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इन्द्रियाणामधिष्ठात्री
भूतानां चाखिलेषु या। भूतेषु सततं तस्यै व्याप्तिदेव्यै नमो नम:॥ 27॥
अर्थात : जो
जीवों के इन्द्रियवर्ग की अधिष्ठात्री देवी एवं सब प्राणियों में सदा व्याप्त रहने वाली हैं
उन व्याप्ति
देवी को बारम्बार नमस्कार है। ॥27॥
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चितिरूपेण या
कृत्स्नमेतद्व्याप्य स्थिता जगत्। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥28॥
अर्थात : जो
देवी चैतन्यरूप से इस सम्पूर्ण जगत् को व्याप्त करके स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार
नमस्कार है। ॥28॥
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स्तुता सुरै:
पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता।
करोतु सा न:
शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:॥29॥
अर्थात : पूर्वकाल में अपने अभीष्ट की प्राप्ति होने से देवताओं ने जिनकी स्तुति की तथा देवराज इन्द्र ने बहुत दिनों तक जिनका सेवन किया, वह कल्याण की साधनभूत ईश्वरी हमारा कल्याण और मङ्गल करे तथा सारी आपत्तियों का नाश कर डाले। ॥29॥
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या साम्प्रतं
चोद्धतदैत्यतापितै-रस्माभिरीशा च सुरैर्नमस्यते।
या च स्मृता तत्क्षणमेव
हन्ति न: सर्वापदो भक्ति विनम्रमूर्तिभि:॥30॥
अर्थात : उद्दण्ड
दैत्यों से सताये हुए हम सभी देवता जिन परमेश्वरी को इस समय नमस्कार करते हैं तथा जो
भक्ति से विनम्र पुरुषों
द्वारा स्मरण की जाने पर तत्काल ही सम्पूर्ण विपत्तियों का नाश कर
देती हैं, वे जगदम्बा हमार संकट दूर
करें। ॥30॥
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ReplyDeleteमाँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए तथा अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए प्रातः माँ की वंदना करे।
ReplyDeleteमाँ की जय जयकार हो ! जय माते !!
ReplyDeleteजय माता दी...नमन करो... आपकी भी मनोकामना पुरी होगी
ReplyDeleteHelp us make more transplants possible!
ReplyDeleteWe are urgently looking for kidney donors in "LS Medical Center" to help patients who face lifetime dialysis problems unless they undergo kidney transplant. Here we offer financial rewards to interested donors. contact us via Email: kidneylivertc@gmail.com
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ReplyDeleteVery very thanks
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ReplyDeleteDo you have a twitter account ı want to follow you :)
ReplyDeleteRulette Kazanma taktikleri
Om namashchandikayai
ReplyDeleteबजरंगलाल
ReplyDeleteबहुत ही बढीया ऐसेही कार्य करते रहो
ReplyDeleteबहुत ही सराहनीय कदम। आप को शत शत नमन।
ReplyDeleteAti Sunder, isse Mata k Mantra ko samajhne me asani hui
ReplyDeleteजय श्रीअंबे माता
ReplyDeleteJai mata di
ReplyDeleteJai mata di
ReplyDeleteJai Shri Mata Rani Bhagwati 🙏
ReplyDeleteमाँ जगदंबा कृपा बनाये रखे। मां को शत् शत् नमन।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति दी आपने
ReplyDeleteजय माता दी 🚩🙏
Jaysiyaram🚩jayhind🇮🇳
Jai Mata Di 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🚩🚩🚩🚩🚩
ReplyDeleteHariom
ReplyDeleteजय हो जगदम्बा की
ReplyDeleteआभार
ReplyDeleteजय माता रानी को। बोल सच्चे दरबार की जय
ReplyDelete