(6)
देख ये हौसला मेरा, मेरे बुज़दिल दुश्मन
देख ये हौसला मेरा मेरे बुज़दिल दुश्मन
तुझ को लश्कर में पुकारा तन-ए-तन्हा हो कर
उस शाह-ए-हुस्न के दर पर है फ़क़ीरों का हुज़ूम
यार हम भी ना करें अर्ज़-ए-तमन्ना जा कर
हम तुझे मना तो करते नहीं जाने से 'फ़राज़'
जा उसी दर पे मगर हाथ ना फैला जा कर
- अहमद फ़राज़
देख ये हौसला मेरा, मेरे बुज़दिल दुश्मन
देख ये हौसला मेरा मेरे बुज़दिल दुश्मन
तुझ को लश्कर में पुकारा तन-ए-तन्हा हो कर
उस शाह-ए-हुस्न के दर पर है फ़क़ीरों का हुज़ूम
यार हम भी ना करें अर्ज़-ए-तमन्ना जा कर
हम तुझे मना तो करते नहीं जाने से 'फ़राज़'
जा उसी दर पे मगर हाथ ना फैला जा कर
- अहमद फ़राज़
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