Old bollywood movies; old bollwood songs

Watch old Bollywood movies, Listen old songs.... click here

गोपालदास "नीरज" - नींद भी मेरे नयन


                                                                         (16)



नींद भी मेरे नयन


प्राण ! पहले तो हृदय तुमने चुराया
छीन ली अब नींद भी मेरे नयन की


बीत जाती रात हो जाता सबेरा,
पर नयन-पंक्षी नहीं लेते बसेरा,
बन्द पंखों में किये आकाश-धरती
खोजते फिरते अँधेरे का उजेरा,
पंख थकते, प्राण थकते, रात थकती
खोजने की चाह पर थकती न मन की।
छीन ली अब नींद भी मेरे नयन की।


स्वप्न सोते स्वर्ग तक अंचल पसारे,
डाल कर गल-बाँह भू, नभ के किनारे
किस तरह सोऊँ मगर मैं पास आकर
बैठ जाते हैं उतर नभ से सितारे,
और हैं मुझको सुनाते वह कहानी,
है लगा देती झड़ी जो अश्रु-घन की।
 छीन ली अब नींद भी मेरे नयन की।


सिर्फ क्षण भर तुम बने मेहमान घर में,
पर सदा को बस गये बन याद उर में,
रूप का जादू किया वह डाल मुझ पर
आज मैं अनजान अपने ही नगर में,
किन्तु फिर भी मन तुम्हें ही प्यार करता
क्या करूँ आदत पड़ी है बालपन की।
छीन ली अब नींद भी मेरे नयन की।


पर न अब मुझको रुलाओ और ज़्यादा,
पर न अब मुझको मिटाओ और ज़्यादा,
हूँ बहुत मैं सह चुका उपहास जग का
अब न मुझ पर मुस्कराओ और ज़्यादा,
धैर्य का भी तो कहीं पर अन्त है प्रिय !
और सीमा भी कहीं पर है सहन की।
 छीन ली अब नींद भी मेरे नयन की।


  - गोपालदास "नीरज"

*****************************************************

 

No comments:

Post a Comment