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नाथ तुम जानतहो सब घटकी। मीरा भक्ति करे प्रगटकी॥
ध्यान धरी प्रभु मीरा संभारे पूजा करे अट पटकी।
शालिग्राम कूं चंदन चढत है भाल तिलक बिच बिंदकी॥
राम मंदिरमें मीराबाई नाचे ताल बजावे चपटी।
पाऊ में नेपुर रुमझुम बाजे। लाज संभार गुंगटकी॥
झेर कटोरा राणाजिये भेज्या संत संगत मीरा अटकी।
ले चरणामृत मिराये पिधुं होगइ अमृत बटकी॥
सुरत डोरी पर मीरा नाचे शिरपें घडा उपर मटकी।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर सुरति लगी जै श्री नट की॥
- मीराबाई
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