Old bollywood movies; old bollwood songs

Watch old Bollywood movies, Listen old songs.... click here

मीना कुमारी - मेरा माज़ी

(13)

मेरा माज़ी
 
मेरा माज़ी
मेरी तन्हाई का ये अंधा शिगाफ़

ये के सांसों की तरह मेरे साथ चलता रहा

जो मेरी नब्ज़ की मानिन्द मेरे साथ जिया

जिसको आते हुए जाते हुए बेशुमार लम्हे

अपनी संगलाख़ उंगलियों से गहरा करते रहे
, करते गये
किसी की ओक पा लेने को लहू बहता रहा

किसी को हम-नफ़स कहने की जुस्तुजू में रहा

कोई तो हो जो बेसाख़्ता इसको पहचाने

तड़प के पलटे
, अचानक इसे पुकार उठे
मेरे हम-शाख़

मेरे हम-शाख़ मेरी उदासियों के हिस्सेदार

मेरे अधूरेपन के दोस्त

तमाम ज़ख्म जो तेरे हैं

मेरे दर्द तमाम

तेरी कराह का रिश्ता है मेरी आहों से

तू एक मस्जिद-ए-वीरां है
, मैं तेरी अज़ान
अज़ान जो अपनी ही वीरानगी से टकरा कर

थकी छुपी हुई बेवा ज़मीं के दामन पर

पढ़े नमाज़ ख़ुदा जाने किसको सिजदा करे


मीना कुमारी

************************************************** 

No comments:

Post a Comment