(12)
इंतज़ार
चाँद मद्धम है आसमां चुप है
नींद की गोद में
जहाँ चुप है
दूर वादी में दूधिया बादल झुक के पर्बत को प्यार करते हैं दिल में नाकाम हसरतें लेकर हम तेरा इंतज़ार करते हैं
इन बहारों के साये में आजा फिर मुहब्बत जवाँ रहे न रहे ज़िंदगी तेरे नामुरादों पर कल तलक मेहरबां रहे न रहे
रोज की तरह आज भी तारे सुबह की गर्द में ना खो जाएँ आ तेरे ग़म में जागती आँखे कम से कम एक रात सो जाएँ
चाँद मद्धम है आसमां चुप है नींद की गोद में जहाँ चुप है
दूर वादी में दूधिया बादल झुक के पर्बत को प्यार करते हैं दिल में नाकाम हसरतें लेकर हम तेरा इंतज़ार करते हैं
इन बहारों के साये में आजा फिर मुहब्बत जवाँ रहे न रहे ज़िंदगी तेरे नामुरादों पर कल तलक मेहरबां रहे न रहे
रोज की तरह आज भी तारे सुबह की गर्द में ना खो जाएँ आ तेरे ग़म में जागती आँखे कम से कम एक रात सो जाएँ
चाँद मद्धम है आसमां चुप है नींद की गोद में जहाँ चुप है
- साहिर लुधियानवी
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