Old bollywood movies; old bollwood songs

Watch old Bollywood movies, Listen old songs.... click here

निदा फ़ाज़ली - जहाँ न तेरी महक हो

(13)

जहाँ न तेरी महक हो


जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं
मेरी सरिश्त सफ़र है गुज़र न जाऊँ मैं

मेरे बदन में खुले जंगलों की मिट्टी है
मुझे सम्भाल के रखना बिखर न जाऊँ मैं

मेरे मिज़ाज में बे-मानी उलझनें हैं बहुत
मुझे उधर से बुलाना जिधर न जाऊँ मैं

कहीं पुकार न ले गहरी वादियों का सबूत
किसी मक़ाम पे आकर ठहर न जाऊँ मैं

न जाने कौन से लम्हे की बद-दुआ है ये
क़रीब घर के रहूँ और घर न जाऊँ मैं

- निदा फ़ाज़ली

* सरिश्त=स्वभाव, गुण

**************************************************************

No comments:

Post a Comment