Old bollywood movies; old bollwood songs

Watch old Bollywood movies, Listen old songs.... click here

गोपालदास "नीरज" - तुमने कितनी निर्दयता

(8)

तुमने कितनी निर्दयता

तुमने कितनी निर्दयता की !

सम्मुख फैला कर मधु-सागर,
मानस में भर कर प्यास अमर,
मेरी इस कोमल गर्दन पर रख पत्थर का गुरु भार दिया।
तुमने कितनी निर्दयता की !

अरमान सभी उर के कुचले,
निर्मम कर से छाले मसले,
फिर भी आँसू के घूँघट से हँसने का ही अधिकार दिया।
तुमने कितनी निर्दयता की !

जग का कटु से कटुतम बन्धन,
बाँधा मेरा तन-मन यौवन,
फिर भी इस छोटे से मन में निस्सीम प्यार उपहार दिया।
तुमने कितनी निर्दयता की !


 - गोपालदास "नीरज"


****************************************************

No comments:

Post a Comment