( 5 )
मेरे लिए रात ने
मेरे लिए रात ने
आज फ़राहम* किया
एक नया मरहला
नींदों ने ख़ाली किया
अश्कों से फ़िर भर दिया
कासा मेरी आँख का
और कहा कान में ...
मैंने हर एक जुर्म से
तुमको बरी कर दिया
मैंने सदा के लिए
तुमको रिहा कर दिया
जाओ जिधर चाहो तुम
जागो कि सो जाओ तुम
ख़्वाब का दर बंद है
- शहरयार
* फ़राहम = provide
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