(2)
दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है
दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है
आखिर इस दर्द कि दवा क्या है
आखिर इस दर्द कि दवा क्या है
हम है मुश्ताक और वो बेज़ार
या ईलाही! ये माजरा क्या है
या ईलाही! ये माजरा क्या है
मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ
काश पूछो कि मुद्दा क्या हैजब कि तुझ बिन नही कोई मौजूद
फिर ये हंगामा ऐ खुदा क्या है
ये परी-चेहरा लोग कैसे है
गमज़ा-ओ-इश्वा-ओ-अदा क्या है
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मुश्ताक - close
बेज़ार - confused
बेज़ार - confused
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